Bachho se kaise baat karen जवान होते बच्चो से कैसे बात करें
जवान होते बच्चो से कैसे बात करें , ज्यादातर माता पिता की समस्या यही होती है उन्हें पता ही नहीं होता की अपने bachho se kaise baat karen कैसे शुरुआत की जाये , उन्हें उसके शरीर में हो रहे हार्मोन्स चेंज के बारे में कैसे समझाए ताकि को किसी गलत कार्यो में लिप्त ना हो जाये और अपना भविष्य ख़राब न कर लें या अपनी और परिवार की मान मर्यादा प्रतिष्टा को न खो बैठे ।
विपरीत लिंग की तरफ कब आकर्षण बनता है ?
किशोर अवस्था 14-15 साल की उम्र में आते ही विपरीत लिंग की तरफ आकर्षण बनने लगता है , लड़की है तो उसको बताये की कैसे उसका मन किसी भी लड़के की और आकर्षित हो सकता है , लड़का है तो लड़की की तरफ आकर्षित हो सकता है यह एक स्वाभाविक गुण है , लेकिन हम अभी शादी के लिए तैयार नहीं है ,
क्या सही क्या गलत ?
सबसे महत्वपूर्ण बात उन्हें बताएं की ,वह हर काम गलत और गन्दा है जो छुपकर करना पड़े , जिसके बारे में आपके माता को जानकारी ना हो।उनको पारिवारिक ज्ञान और सामाजिक ज्ञान दें। समाज और परिवार हमारे लिए कितना मायने रखता है उनको इस बारे में बताएं ।
अपने बच्चों से बात करना उनके साथ बंधने और मजबूत संबंध बनाने का एक शानदार अवसर हो सकता है। अपने बच्चों से बात करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं ।
सक्रिय रूप से सुनें Listen actively
जब आपका बच्चा आपसे बात कर रहा है, तो सुनिश्चित करें कि आप उन्हें अपना पूरा ध्यान दें। उनकी बातों को ध्यान से सुनें और उनकी बातों को समझने की कोशिश करें। अपने बच्चो और उनकी बातो को कभी भी नज़र अंदाज़ ना करें , उनकी बातो और उनको अहमियत दें आपको भी समझना होगा bachho se kaise baat karen
खुले रहें और संपर्क करें Be open and approachable
सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा आपसे बात करने में सहज महसूस करता है। उन्हें अपने विचारों और भावनाओं को आपके साथ साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें, और जो वे कहना चाहते हैं उसके लिए खुले रहें।
आयु-उपयुक्त भाषा का प्रयोग करें Use age-appropriate language
सुनिश्चित करें कि आप ऐसी भाषा का उपयोग करते हैं जिसे आपका बच्चा समझ सके। छोटे बच्चों के लिए सरल शब्दों और वाक्यांशों का प्रयोग करें, और बड़े बच्चों के लिए अधिक जटिल भाषा का।
सहानुभूति दिखाएं Show empathy
अपने बच्चे को दिखाएं कि आप समझते हैं कि वे कैसा महसूस करते हैं। उनकी भावनाओं को मान्य करें और उन्हें बताएं कि जिस तरह से वे महसूस करते हैं, ठीक है। आपको सीखना होगा bachho se kaise baat karen
धैर्य रखें Be patient
बच्चों को खुद को अभिव्यक्त करने में समय लग सकता है। धैर्य रखें और अपने बच्चे को अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए आवश्यक समय दें।
निर्णय लेने से बचें Avoid judgment
अपने बच्चे की आलोचना करने या उसके बारे में राय बनाने से बचें। इसके बजाय, उनके दृष्टिकोण को समझने और एक साथ समाधान खोजने पर ध्यान दें।
सकारात्मक रहें Be positive
अपने बच्चे को प्रोत्साहित करें और उनके व्यवहार और उपलब्धियों के सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दें। उनके आत्म-सम्मान का निर्माण करने के लिए उनके प्रयासों और सफलताओं की प्रशंसा करें।
याद रखें, अपने बच्चों से बात करना एक सतत प्रक्रिया है, और उनके साथ एक मजबूत रिश्ता बनाने में समय और मेहनत लगती है। संचार के मार्ग खुले रखें, और जब भी आपके बच्चे को आपकी आवश्यकता हो, उनके लिए उपस्थित रहें।
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Conclusion निष्कर्ष
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