Buddh ko kyo nahi Pnayaबुद्ध को क्यों नहीं अपनाया गया भारत में ?

Buddh ko kyo nahi Pnaya:

भगवन बुद्ध से पूरा एशिया प्रभावित था मगर भारत में बुद्ध को स्वीकार  नहीं किया गया ?दोष किसका माना जाये बुद्ध का या भारतियों का,  बुद्ध का दोष मनना बेईमानी होगी। बुद्ध सत्य को जैसा का तैसा ही कह देते ,वो कुछ भी न छिपाते थे। पुजारियों और पुरोहितो को उनकी बातें शूल की तरह चुभती 

भारत में जगरूकता फ़ैलाने का काम जो सबसे ज्यादा किया वो बुद्ध ही थी वो जितना कह सकते थे कहा जितना बोल सकते थे बोले ,,  भारत के लोग फिर भी न जाग सके , सारी  दुनिआ को ऊर्जा से भर दिया ,

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कार्य

बुद्ध को क्यों नहीं अपनाया गया भारत  में ? Why Buddha didn’t Accept in India,

बुद्ध जो बोलते उनसे झूठे पंडितो का झूठे पुजारिओं का धंधा जो चौपट हो रहा था , उनका आडम्बर तार तार जो हो रहा था , उन्होंने लोगो को कहा झूठे पंडित, तो दुकानदार हैं , व्यवसायी है शोषण करने वाला है , ये तुम्हे लूटते है, तुम्हे  

ठगते हैं। बुद्ध ने साफ साफ़ कह दिया कोई वेद , शास्त्र किसी ईश्वर ने नहीं रचे सब मनुष्यों द्वारा रचे गए है। और साथ ही ये भी कह दिया , कि बहुत ही साधारण व्यक्ति द्वारा रचित है 

बस मुश्किल से  एक प्रतिशत ही अच्छी बाते लिखी है , सब कूड़ा कचरा बता दिया बुद्ध ने , बस इसी बात से ही सभी पंडित , पुजारी पुरोहित  नाराज हो गए ,उन्होंने बुद्ध का विरोध करना आरम्भ कर दिया ,

पढ़े लिखे लोग, शिक्षित लोग, बहुत ही ज्यादा  पढ़े लिखे लोग भी मान लेते है वेद ईश्वर ने लिखे है इस बात में कितनी सच्चाई है? आप तर्क लगा सकते है क्या कोई भी धार्मिक पुस्तक किसी भगवान ,  अल्लाह,  गॉड ने लिखी है , 

वेद उठाकर देखो जिसने लिखा उसका नाम भी लिखा होगा ,भारत ने बुद्ध को नास्तिक बताया ?

बुद्ध कौन थे? Who was Buddh

बुद्ध, जिन्हें सिद्धार्थ गौतम भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के गहन अग्रदूत और आयोजक थे। उन्हें छठी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास पुराने भारत में, जो वर्तमान में नेपाल है, दुनिया में लाया गया था।

सिद्धार्थ का परिचय स्वाभाविक रूप से एक प्रतिष्ठित परिवार से हुआ था और उनका पालन-पोषण विलासिता में हुआ था, फिर भी उन्होंने पारलौकिक शिक्षा की तलाश में अपना विशेष जीवन व्यतीत कर दिया।

वह चिंतन और आत्म-चिंतन में वर्षों तक चले, अंततः एक बोधि वृक्ष के नीचे रोशनी की स्थिति में पहुंचे, जहां उन्होंने चार सम्मानजनक अंतर्दृष्टि और आठ गुना मार्ग को समझा, जो बौद्ध धर्म के केंद्र पाठ हैं।

धर्मोपदेश पूरा करने के बाद, बुद्ध ने अपना शेष जीवन अन्य लोगों को शिक्षित करने और अपना ज्ञान प्रदान करने, समर्थकों को इकट्ठा करने में बिताया जो प्रमुख बौद्ध पुजारी और नन बन गए।

उनके पाठों ने सचेतनता, सहानुभूति और अभाव से स्थायी अलगाव के अंत के महत्व पर जोर दिया। आज, बौद्ध धर्म दुनिया के महत्वपूर्ण धर्मों में से एक है, जिसके दुनिया भर में बड़ी संख्या में समर्थक हैं।

भगवन बुध के वचन

भगवान बुद्ध के वचन, जिन्हें धम्मपद या उनके उपदेशों के रूप में जाना जाता है, जीवन के सत्य, नैतिकता, और ध्यान पर केंद्रित हैं। बुद्ध के कुछ प्रमुख वचन इस प्रकार हैं:

“मन सभी वस्तुओं का आधार है।”

हमारे विचार हमारे कर्मों का निर्माण करते हैं। जो जैसा सोचता है, वैसा बनता है।
“क्रोध को प्रेम से जीतें, बुराई को अच्छाई से जीतें, स्वार्थ को उदारता से जीतें, और झूठ को सत्य से जीतें।”

यह वचन व्यक्ति को विनम्रता, सहनशीलता और सत्य का महत्व समझाता है।
“स्वयं पर विजय, हजारों लड़ाइयों में जीत से बेहतर है।”

अपने मन और इच्छाओं पर काबू पाना सबसे बड़ी जीत होती है।

स्वयं को दीपक बनाओ।

बुद्ध ने स्वयं पर निर्भर होने और दूसरों पर निर्भर न रहने की शिक्षा दी। आत्मज्ञान और समझ के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है।
“दुख का कारण तृष्णा है।”

संसारिक तृष्णा या इच्छाएं दुख का कारण हैं। इनसे मुक्ति पाने से ही सच्ची शांति मिलती है।
“सबसे बड़ा पाप अज्ञानता है, और सबसे बड़ा पुण्य ज्ञान है।”

अज्ञानता ही मनुष्य को गलत मार्ग पर ले जाती है, जबकि सच्चा ज्ञान जीवन को सार्थक बनाता है।
भगवान बुद्ध के ये वचन हमें आत्म-निरीक्षण, ध्यान, और करुणा की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। उनका ध्यान हर इंसान के भीतर छिपे ज्ञान और सत्य को खोजने पर था।

भगवान बुध के ४० उपदेश

भगवान बुद्ध के उपदेश और वचन जीवन को सही दिशा में ले जाने और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए प्रेरणा देते हैं। यहाँ बुद्ध के 40 प्रसिद्ध वचनों का संकलन है:

“स्वयं पर विजय प्राप्त करना हजार युद्धों में जीत हासिल करने से श्रेष्ठ है।”
“मन सब कुछ है, जैसा तुम सोचते हो, वैसे ही तुम बनते हो।”
“जो अपने क्रोध को नियंत्रित कर सकता है, वह स्वयं को जीत सकता है।”

“सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्ची शांति की ओर ले जाता है।”


“सभी बुराइयों का त्याग करो, भलाई करो और अपने मन को शुद्ध करो।”
“क्रोध को प्रेम से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थ को उदारता से और झूठ को सत्य से जीतें।”
“किसी और की गलती या कमी की ओर मत देखो, बल्कि अपनी कमियों की ओर ध्यान दो।”
“हर दिन एक नया दिन होता है, इस क्षण में जीओ।”
“हमेशा ध्यान रहे कि घृणा से घृणा को खत्म नहीं किया जा सकता, केवल प्रेम से ही यह संभव है।”
“अज्ञानता सबसे बड़ा अंधकार है, ज्ञान ही प्रकाश है।”
“ध्यान ही एकमात्र मार्ग है जो हमें पीड़ा से मुक्त कर सकता है।”
“जो अपने भीतर शांति पाता है, वही सच्ची शांति पा सकता है।”

“हमारा जीवन हमारे विचारों से निर्मित होता है।”

“अतीत पर ध्यान केंद्रित न करें, भविष्य के बारे में चिंता न करें, वर्तमान क्षण में ध्यान लगाएं।”
“दूसरों के दोषों की आलोचना करने से बेहतर है, अपने दोषों को पहचानना।”
“सभी प्राणियों पर दया और करुणा रखें।”
“अत्यधिक लालच दुख का कारण बनता है।”
“हर एक बुरे काम का परिणाम होता है।”
“बुरे कामों से बचें और अच्छे काम करें।”
“तुम्हारा उद्देश्य तुम्हारे कर्मों से अधिक महत्वपूर्ण है।”
“प्रत्येक व्यक्ति के अंदर ही उसकी मुक्ति का रास्ता छिपा होता है।”
“कभी भी खुद को कम न समझें, आप स्वयं एक दीपक हैं।”
“जीवन दुख है, दुख का कारण तृष्णा है, तृष्णा को समाप्त करने से दुख समाप्त होता है।”
“धर्म का पालन करके ही मनुष्य सच्चा सुख प्राप्त कर सकता है।”
“असत्य को सत्य मत समझो, सत्य को हमेशा जानो।”
“जो सबसे अधिक त्याग करता है, वह सबसे महान है।”
“प्रेम और करुणा ही सच्चा धर्म है।”
“मध्यमार्ग ही जीवन का सही मार्ग है।”

“जो सच्चाई की खोज करता है, उसे भयभीत नहीं होना चाहिए।”

“धैर्य सबसे बड़ी तपस्या है।”
“जैसा हम दूसरों के साथ व्यवहार करते हैं, वैसा ही हम स्वयं के साथ कर रहे होते हैं।”
“बुरा काम करने से बचो, अच्छा काम करो, और अपने मन को पवित्र रखो।”
“मन की शांति ही सबसे बड़ा धन है।”
“खुद को जीतने वाला सबसे बड़ा विजेता होता है।”
“यदि आप एक गिलास को खाली करना चाहते हैं, तो उसमें कुछ मत डालो।”
“हर पल कीमती है, इसे व्यर्थ मत जाने दो।”
“जो मनुष्य दूसरों की मदद करता है, वही सच्चा सुख पाता है।”
“दुख केवल तब तक होता है जब तक हम इसे खुद से जोड़ते हैं।”
“ज्ञान के बिना मुक्ति असंभव है।”
“तुम ही अपने स्वयं के दीपक हो, अपने मार्ग को स्वयं प्रकाशित करो।”
ये बुद्ध के वचन हमें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित होने में मदद करते हैं।

बुद्ध धम्म के नियम

बुद्ध धम्म (बौद्ध धर्म) के प्रमुख नियम और सिद्धांत बुद्ध के उपदेशों पर आधारित हैं, जिन्हें उन्होंने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपने अनुयायियों को बताया था। इन नियमों और सिद्धांतों को मुख्यतः चार आर्य सत्य, अष्टांगिक मार्ग, और पंचशील के रूप में समझाया गया है।

चार आर्य सत्य (Four Noble Truths)

दु:ख: जीवन में दु:ख है। जन्म, बुढ़ापा, रोग, मृत्यु, और मानसिक कष्ट सभी दु:ख के रूप हैं।
दु:ख का कारण: इस दु:ख का कारण तृष्णा (इच्छा) है। तृष्णा से ही दुखों का जन्म होता है।
दु:ख का निवारण: दु:ख को समाप्त किया जा सकता है। यह तृष्णा और अज्ञानता का अंत करके संभव है।
दु:ख निवारण का मार्ग: दु:ख को समाप्त करने के लिए अष्टांगिक मार्ग का पालन करना चाहिए।

अष्टांगिक मार्ग (Noble Eightfold Path)


अष्टांगिक मार्ग वह मार्ग है जो दु:खों से मुक्ति दिला सकता है। इसमें आठ तत्व होते हैं:

सम्यक दृष्टि: जीवन के सत्य को समझना।
सम्यक संकल्प: सही विचारों और इरादों को अपनाना।
सम्यक वाणी: सत्य बोलना, प्रिय और अहिंसात्मक शब्दों का प्रयोग करना।
सम्यक कर्मांत: सही और नैतिक कार्य करना।
सम्यक आजीविका: सही साधनों से जीविका कमाना, हिंसा या गलत कार्यों से बचना।
सम्यक प्रयास: बुरे विचारों से बचना और अच्छे विचारों को बढ़ावा देना।
सम्यक स्मृति: सही ध्यान और जागरूकता।
सम्यक समाधि: ध्यान के माध्यम से मन की एकाग्रता प्राप्त करना।

पंचशील (Five Precepts)


पंचशील बुद्ध धर्म के नैतिक नियम हैं, जिनका पालन अनुयायी अपने दैनिक जीवन में करते हैं। ये पाँच नियम इस प्रकार हैं:

अहिंसा: किसी जीवित प्राणी को नुकसान न पहुँचाना।
अस्तेय: चोरी या दूसरों की चीजों को बिना अनुमति के न लेना।
ब्रह्मचर्य: यौन संयम रखना या शुद्ध और उचित यौन संबंध बनाना।

असत्य वचन: झूठ न बोलना।

मादक पदार्थों से दूर रहना: किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन न करना, जो मन को भ्रमित करें।

अनिच्चा, दु:ख, अनत्ता:
अनिच्चा (Impermanence): संसार में सब कुछ अस्थायी है। सभी चीजें और स्थितियाँ बदलती रहती हैं।
दु:ख (Suffering): संसार में दु:ख अवश्यंभावी है।
अनत्ता (Non-self): आत्मा या स्थायी ‘मैं’ का कोई अस्तित्व नहीं है।
इन नियमों का पालन करके बुद्ध धर्म के अनुयायी जीवन के दु:खों से मुक्ति पाने का प्रयास करते हैं और निर्वाण (मोक्ष) की प्राप्ति का मार्ग अपनाते हैं।

Author

vikas kumar

मेरा नाम विकास है , यह मेरी हिंदी वेबसाइट है, मुझे करियर से संबंधित जानकारी और बिजनेस न्यूज , बायोग्राफी ,सफल लोगो के बारे में जानकारी देना ,लोगो को प्रेरित करना अच्छा लगता है , आप मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करे, साथ ही नोटिफिकेशन Allow करें धन्यवाद

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