Cheeni jahar hai shareer ke liye !चीनी जहर है शरीर के लिए
शुगर शरीर के लिए वैसे तो बहुत ही आवश्यक है और हमें एनर्जी प्रदान करता है मगर एक सामान्य स्तर से यह बहुत कम या ज्यादा हो जाए तो दोनों ही स्थितियों में Cheeni jahar hai ।अगर हम ग्लूकोज के सामान्य स्तर की बात करें तो 10 से 110 MG/DL मिलीग्राम प्रति देसी मीटर के बीच होता है और 9 एमजी डीएल को एवरेज ब्लड शुगर लेवल होता है।
अगर किसी स्थिति में ब्लड शुगर लेवल 72 MG/DL या इससे भी कम हो तो लो ब्लड शुगर की कंडीशन बनती है इसको हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है ।अगर किसी स्थिति में ब्लड शुगर लेवल 72 MG/DL या इससे भी कम हो तो लो ब्लड शुगर की कंडीशन बनती है इसको हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है ।
Sugar is harmful for muscles.चीनी मांसपेशियों के लिए हानिकारक होती है।Cheeni jahar hai shareer ke liye
जो लोग डायबिटीज के पेशेंट हैं वे गिरते हुए ब्लड शुगर के बारे में अनभिज्ञ रहते हैं समस्या ज्यादा बड़ी ना हो जाए इसके लिए आवश्यक है कि इसके सिम्टम्स और रीजन और ट्रीटमेंट के बारे में पूर्ण जानकारी हो।
क्या कारण है ब्लड शुगर को ग्लूकोज के नाम से भी जानते हैं।खाना खाने के पश्चात ग्लूकोस हमारे ब्लड स्ट्रीम में अवशोषित होता है जहां यह हमारी बॉडी की कोशिकाओं तक पहुंचता है इंसुलिन जो पैंक्रियाज ने बनता है कोशिकाओं को एनर्जी के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल करने में सहायता करता है।
ज्यादा मीठा इस्तेमाल न करें Don’t consume more suagr.
लो ब्लड शुगर आमतौर पर डायबिटीज का ही एक दुष्प्रभाव है डायबिटीज बॉडी की इंसुलिन का प्रयोग करने की कैपेसिटी को इफ़क्ट करता है। डायबिटीज के पेशेंट के ब्लड में ग्लूकोज के इस्तेमाल में हेल्प के लिए कई प्रकार के ट्रीटमेंट का उपयोग करते हैं इनमें से कुछ मेडिसिंस और इंसुलिन इंजेक्शन शामिल होते हैं।
अगर हम इस तरह की दवाई अत्यधिक लेते हैं तो ब्लड शुगर में कमी आ सकती है इसके अलावा भोजन छोड़ना या ना खाना या फिर सामान्य से भी कम खाने के साथ-साथ बहुत अधिक उपवास करना भी लो ब्लड शुगर का कारण बन सकता है।
लक्षणों से पहचान।
लो ब्लड शुगर हो जाए तो नजर धुंधली धड़कन तेज हो जाती है चक्कर आते हैं घबराहट होती है तो जब पीली पड़ जाती है सिर दर्द होता है भूख बढ़ जाती है सोने में परेशानी होती है ध्यान केंद्रित करने में भी परेशानी हो सकती है।
डॉक्टर्स के अनुसार तुरंत उपचार के अभाव में हम बेहोश भी हो सकते हैं या कोमों में भी जा सकते हैं।
उपचार। Treatment.
जब भी ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो तब ही कार्बोहाइड्रेट से बना कुछ खाना बहुत ही जरूरी होता है।
अगर तुम्हें डायबिटीज है तो हाईकार्बोहाइड्रेट से तैयार हुआ खाना बहुत ही आवश्यक है यदि आपको शुगर है तो हाई कार्बोहाइड्रेट से भरपूर स्नैक्स साथ में रखें।अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार अपने खाते में कम से कम 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट जैसे को कि सूखे मेवे फलो का रस होना चहिए।
कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें।
नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करवाते रहना चाहिए इसे एक सामान्य रेंज में रख सकते हैं।
घर से निकलने से पहले नाश्ता जरूर कर लेना चाहिए खासतौर से जब आपका ब्लड शुगर लेवल 100 MG DL से कम हो ।
जब घर से बाहर निकले तो अपने साथ कार्बोहाइड्रेट से भरपूर स्नेक्स रख ले।
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई ही प्रयोग करें इंसुलिन की मात्रा भी उतनी ही ले जितनी कि डॉक्टर ने आपको बताई है।
चाय के दुष्प्रभाव Side effect of Tea.
जबकि चाय को आम तौर पर सुरक्षित और स्वस्थ माना जाता है, कुछ लोगों को साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है, खासकर अगर वे बड़ी मात्रा में चाय का सेवन करते हैं या चाय में पाए जाने वाले कुछ यौगिकों के प्रति संवेदनशील होते हैं। यहाँ चाय के कुछ संभावित दुष्प्रभाव हैं:
कैफीन से संबंधित दुष्प्रभाव: Caffeine-related side effects
चाय में कैफीन होता है, जो बेचैनी, चिंता, तेज़ दिल की धड़कन और सोने में कठिनाई जैसे दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है, खासकर अगर बड़ी मात्रा में इसका सेवन किया जाए।
पेट की समस्याएं Stomach problems.
कुछ लोगों को चाय पीने के बाद पेट खराब, मतली या एसिड रिफ्लक्स का अनुभव हो सकता है, खासकर अगर उनका पेट संवेदनशील है या खाली पेट चाय का सेवन करते हैं।
निर्जलीकरण: Dehydration
हालाँकि चाय ज्यादातर पानी से बनी होती है, लेकिन इसका हल्का मूत्रवर्धक प्रभाव हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह मूत्र उत्पादन को बढ़ा सकती है और हल्के निर्जलीकरण का कारण बन सकती है, खासकर अगर बड़ी मात्रा में इसका सेवन किया जाए।
पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा: Interference with nutrient absorption
चाय में टैनिन नामक यौगिक होते हैं, जो आयरन और कैल्शियम जैसे कुछ पोषक तत्वों के अवशोषण में हस्तक्षेप कर सकते हैं। यह प्रभाव उन लोगों में अधिक महत्वपूर्ण होता है जो बड़ी मात्रा में चाय का सेवन करते हैं या उनमें आयरन या कैल्शियम का स्तर कम होता है।
एलर्जी प्रतिक्रियाएं: Allergic reactions
कुछ लोगों को चाय में पाए जाने वाले कुछ यौगिकों जैसे पॉलीफेनोल्स या कैफीन से एलर्जी हो सकती है और पित्ती, खुजली या सूजन जैसी एलर्जी प्रतिक्रियाओं का अनुभव हो सकता है।
कुल मिलाकर, अधिकांश लोग बिना किसी दुष्प्रभाव का अनुभव किए सुरक्षित रूप से कम मात्रा में चाय का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, यदि आप चाय पीने के बाद किसी प्रतिकूल प्रतिक्रिया का अनुभव करते हैं, तो अपने सेवन को कम करना या इसे पूरी तरह से टालना और लक्षणों के बने रहने पर स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
कॉफ़ी पीने के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of drinking Coffee
कॉफी पीने के फायदे :
बढ़ी हुई सतर्कता: Increased alertness
कॉफी में कैफीन होता है, एक उत्तेजक जो आपको सतर्क और केंद्रित रहने में मदद कर सकता है।
बेहतर संज्ञानात्मक कार्य: अध्ययनों से पता चला है कि कॉफी का सेवन स्मृति, ध्यान और मनोदशा सहित मस्तिष्क के कार्य को बढ़ा सकता है।
शारीरिक प्रदर्शन को बढ़ाता है: Boosts physical performance:
कैफीन सहनशक्ति बढ़ाकर और थकान को कम करके शारीरिक प्रदर्शन में भी सुधार कर सकता है।
कुछ बीमारियों का जोखिम कम होता है:कॉफी पीने से टाइप 2 मधुमेह, यकृत रोग और कुछ प्रकार के कैंसर सहित कई बीमारियों का खतरा कम होता है।
एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत: Source of antioxidants
कॉफी एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो आपकी कोशिकाओं को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है।
कॉफी पीने के नुकसान :
चिंता और झटके पैदा कर सकता है: कैफीन कुछ लोगों में चिंता, बेचैनी और झटके पैदा कर सकता है, खासकर अगर वे बड़ी मात्रा में सेवन करते हैं।
नींद में खलल डालती है: सोने के बहुत करीब कॉफी पीने से आपकी नींद में खलल पड़ सकता है, जिससे नींद आना और सोते रहना मुश्किल हो जाता है।
पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है:
कॉफी पीने के बाद कुछ लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे एसिड रिफ्लक्स या डायरिया।
लत और वापसी: नियमित रूप से कॉफी के सेवन से कैफीन की लत लग सकती है, और अचानक वापसी से सिरदर्द, थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
रक्तचाप बढ़ा सकता है: कॉफी पीने से रक्तचाप में अस्थायी वृद्धि हो सकती है, जो उच्च रक्तचाप या हृदय रोग वाले लोगों के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
यह ध्यान देने योग्य है कि कॉफी के प्रभाव व्यक्ति और खपत की गई मात्रा के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। जबकि मध्यम कॉफी की खपत आम तौर पर ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित मानी जाती है, अत्यधिक खपत से नकारात्मक स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।
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निष्कर्ष Conclusion
दोस्तों ये जानकारी किताबो और इंटरनेट के द्वारा ली गयी है ,हम इस बात की बिलकुल भी पुष्टि नहीं करते है की यह जानकारी सही है यह जानकारी बिकुल सही भी हो सकती है , कुछ हद्द तक गलत भी , अगर आप इस पोस्ट Cheeni jahar hai shareer ke liye ! की बातो से सहमत हो तो कमेंट करके जरूर बताएं धन्यवाद