How to know yourself ? खुद को कैसे पहचाने ?
How to know yourself ? :खुद को पहचानना एक महत्वपूर्ण और Strength enhancement की प्रक्रिया है जो आपको आत्मा की समझ, आत्म-समर्पण, और Self-realization में मदद कर सकती है। यहां कुछ तरीके हैं जिनसे आप खुद को या अपनी क्षमता को जान सकते हो।
How to know yourself ?
अपने आपको कभी अंडरस्टीमेट मत करो (do not underestimate yourself) तुम्हारी सबसे बड़ी भूल अब तक यही रहीहै , सबसे बड़ी चूक यही रही है , तुम्हारी कमजोरी यही रही है , यही तुम्हे अब तक आगे बढ़ने से रोकता आया है , तुमने खुदको देखा ही नहीं , हमेशा दूसरो को ही देखा , दूसरो को अच्छा देखकर खुद में हीन भावना भरली है , वही तुम्हे पीछे को
खींचती है , सारी समस्यों का हल हम लिए घूमते है , फिर भी दूसरो से पूछते है , हम कैसी मूर्खता करते है ,ये हमे हो क्या गया है , हम ही ने आंखे बंद की है और कहते फिरते अंधकार बहुत है ,इससे तुम्हे कोई छुटकारा न दिला पाएगातुम्हे खुद ही अपनी आँखों से ऊँगलियाँ हटानी होगी , तुम अपनी जीवन की सारी सम्भावनाओ को कैसे भूल बैठे हो जरा देखो
तो तुम्हारे जीवन में सम्भावनाये ही सम्भावनाये है , तुम क्यों रोना रोते हो ईश्वर ने सभी को कुछ न कुछ कला देकर ही भेजा है ,बस उसको ही समझना है , वही तुम्हे जीवन बेहतर बनाने में मदद करेगा
हमारे विचार Our thoughts
हमारे मन में लाखो विचार चलते रहते है। कुछ विचार ऐसे होते हैं। जो हमारा जीवन बदल सकते है, कुछ सकारात्मक विचारकुछ नकारत्मक विचार। अपने सकारत्मक विचारो को जीवन में उतार लो जब भी हमारे पास कुछ चीजों की कमी महसूसहोती है।
तब हमारा सारा ध्यान उन चीजों पर जाने लगता है जो नहीं होती है। जो चीजे होती है वो होते हुए भी न होने केबराबर होती है। हमारे नकारात्मक विचार सकरात्मक विचारो के ऊपर हावी होने लगते है और हम निराशा से भर जाते हैं
निराश न हो Don’t be disappoint
हमे सीखना होगा निराशा को आशा में बदलना। समझनी होगी अपने पॉजिटिव विचारो की शक्ति को। हमे नहीं भूलना चाहिए। स्वामी विवेकानंद की बात कही हुई। (एक शब्द में , यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो । -उस व्यक्ति ने
अमरत्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता। – हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात काध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द गौण हैं।ध्यान से सुनी बात और संभाल के रखी हुई चीज काम आ ही जाती है ।
इसलिए हमेशा कोशिश में रहो सभी की बातो को ध्यान से सुनो हर चीज को संभाल के रखो, बस इतनी समझदारी तुम्हारी होनी चाहिए संभालके रखने के चक्कर में कचरा मत जमा कर लेना ,नही और मुसीबत हो जाएगी ।
तुम शक्तिशाली हो You are powerful
कभी तुमने देखा होगा महसूस किया होगा की तुम्हे लगा होगा तुम बड़े शक्ति शाली हो , बड़े पराकर्मी हो , तुम जो चाहो कर सकते हो , वो झूठ नही वो सत्य है , जिसकी झलक आपको कुछ क्षण के लिए हो जाती है और बाद में तुम खुद ही उसे अनदेखा करने लगते हो तुम कभी अपनी
शक्ति को समझते नहीं हो खुद को कमजोर समझ लेते हैं तुम कमजोर नहीं तुम वह कर सकते हो जो कोई और नहीं कर सकता .किसी भी विद्वान को सुनो पढ़ो वह क्या कहते हैं उनकी बात पर अमल करो फिर देखो तुम अपने आप को कभी कमजोर नहीं पाओगे तुमसे
बड़ी कोई शक्ति है ही नहीं इस जगत में बस पहचानने की जरूरत है, कोई भी विद्वान इस धरती पर पहले साधारण व्यक्ति ही होता है बाद में वह खुद को जान लेता है खुद को समझ लेता है ,खुद की शक्तियों को जान लेता है ,उतार सकता है अपनी निर्बलता के वस्त्र कमजोरी के वस्त्र
झूठ के वस्त्र फरेब के वस्त्र , ईर्ष्या के वस्त्र छल कपट के वस्त्र सब अपनी त्रुटियां अपना अहंकार सब त्याग देते हैं अपनी आवश्यक औरअनावश्यक इच्छाएं जब सब छूट जाता है जो बचता है वही तुम हो
सब कुछ तुम्हारे भीतर है !Everything is inside you
जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में होती है और हिरण वन वन भटकता रहता है उस कस्तूरी की खोज में लेकिन उसे मालूम नहीं होता कि वह कस्तूरी उसकी नाभि में इसलिए हमें पता नहीं होता अपने भीतर छिपे तेजपुंज को पहचान ही नहीं पाते उठो और जानने की कोशिश में लग
जाओ फिर देखो कैसे तुम्हारे सामने मुश्किल से मुश्किल रास्ता भी आसान हो जाएगा ।खुद को ऐसा बनाओ कोई तुमसे प्रेम के बिना ना रह सके कोई चाह कर भी तुमसे नफरत ना कर सके एक कोशिश तो करो सब कुछ छोड़ दो
जो रखने योग्य ना हो क्यों धारण करने योग्य ना हो अपने मन को स्थिर कर लो एक शांत दीपक की तरह शांत ज्योति की तरह वायु रहित कमरे में जलते दीपक की भांति खुद को बना लो और अपने प्रकाश से अपने परिवार को अपने समाज को अपने शहर को अपने गांव को अपने देश को अपनी दुनिया को रोशन कर दोगे तुमने कभी खुद पर ठीक से विश्वास ही नहीं किया
खुद पर ठीक से विश्वास करते तो तुम्हें कोई काम मत करना लगता सब आसान हो जाता , मुश्किल शब्द तुम्हारी डिक्शनरी में होता ही नहीं तुमने डर को अपने भीतर सजा कर रखा हुआ है तुमने झूठ को सर बैठा रखा है
Mistakes are proof that you are trying.गलतियां इस बात का सबूत है , तुम कोशिश कर रहे हो
हम अपनी जिंदगी में सब कुछ ठीक तो नहीं कर सकते मगर कोशिश करें कुछ ठीक करें गलती करने से ना डरे, गलतियां इस बात का सबूत है तुम कोशिश कर रहे हो गलती भी उसी से होती है जो आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है ,कुछ नया की कोशिश करता है।
जो कुछ कर ही नहीं रहा उससे क्या गलती होगी खाली बैठा हुआ है आलसियों की तरह , लाइफ में आगे बढ़ने के लिए कुछ कर ही नहीं रहा ,वर्ना नकारो की जिंदगी तो दूसरो की गलतियां ढूंढने में ही निकल जाती है।
अपने आप को इस अस्तित्व के रूप में देखो अपने भीतर उस बेचैनी को पहचानो जो कुछ होना चाहती है, कुछ बनना चाहती है हमें होने का एहसास कराती है कभी-कभी हमें लगता है सब कुछ हमारे कंट्रोल में है हम कुछ भी नियंत्रित कर सकते हैं, कभी-कभी हमें लगता है हम सबसे
कमजोर हैं हम कितने असहाय हैं अपनी इस बात को गंभीरता से लें जब कभी हमें एहसास होता है कि हम कुछ भी कर सकते हैं सब कुछहमारे हाथ में ही है तब हम उस क्षण को कभी ना भूले हमेशा याद रखें क्योंकि हमारी शक्ति जागृत अवस्था में रहती है, लेकिन जब हमें बहुत ही
दुर्बल होने का असहाय होने का दुख में होने का एहसास होता है तब हमारी आंतरिक ऊर्जा सुप्त अवस्था में रहती है इसलिए अपनी उर्जा को जागृत करें अपने भीतर छिपी असीमित शक्तियों को पहचानो अगर हम विचार करें और ध्यान से देखें अपने जीवन काल में हम कुछ ऐसी असंभव चीजें कर जाते हैं जो कभी हमने सोचा भी नहीं होता।
शरीर खुद को स्वस्थ करता है Body heals itself
जब हमारा शरीर शरीर में होने वाली 50% बीमारियों को अपने आप ठीक कर लेता है हमारा शरीर शरीर में होने वाली टूट-फूड छोटी मोटी बीमारियों को हमारा शरीर अपने आप ही हील कर देता है।इससे हमें ज्ञात होता है कि हमारे भीतर एक ऊर्जा है जो काम करती रहती है और हम उस उर्जा को पहचान ले तब हम अपने शरीर को अपने
मस्तिष्क को अपने नियंत्रण में रख सकते हैं यदि हम अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल खुद को ऊपर उठाने में करें खुद की बेहतरीन के लिए प्रयास करें हम छोटी-छोटी बातों को लेकर दुखी हो जाते हैं बाद में हमें क्या होता है कि वह बात इतनी परेशान होने वाली भी नहीं थी क्योंकि हमारा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं होता है हमें चाहिए कि हम अभ्यास
करें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करें आत्म संयम करें दूसरों के बोलने से दूसरों की तारीफ करने से दूसरों की आलोचना करने से दूसरों की बुराई करने से हमारे मस्तिष्क पर कोई प्रभाव ना पड़े अगर हमारी कोई प्रशंसा करता है तो तब हमें ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए क्योंकि
जब हमें दूसरों की बातें दुखी नहीं करेगी तब हमें दूसरों की बातें सुखी भी नहीं करेंगे इससे कोई भी व्यक्ति हमें सुखी और दुखी नहीं बना सकता सुख और दुख का कंट्रोल हमारे हाथ में ही रहेगा।
किसी भी महान व्यक्ति की बातों का आप अनुसरण करते हैं।
दिखने में तो वह सब हमारे जैसे ही साधारण ही दिखाई देते हैं फिर ऐसा उनके पास क्या होता है जो लोग उनकी बातों से प्रभावित होती हैं वही बात अगर हम कहें तब हमारी बात का इतना प्रभाव नहीं पड़ता है।ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि महान पुरुष कभी भी किसी की आलोचना से पिघलते नहीं है और प्रशंसा से उछलते नहीं है।
अपने जीवन को विशेष बनाइए अपने आप को विशेष बनाइए अपने आपको ऐसा बनाइए कोई भी आपसे प्रेम किए बिना ना रह सके आप देखना आपका जीवन खिल उठेगा। ऐसा करना कोई भी मुश्किल यह संभव काम नहीं है अगर आप ध्यान से देखें ध्यान से सोचें तब आप कोई
भी बड़ी से बड़ी चीज को आसानी से हासिल कर सकते हैं बस आपको सही दिशा में प्रयास करना होगा अपने मस्तिष्क में उठने वाली पॉजिटिवविचार धाराओं को महसूस करना होगा कभी-कभी हम इतने शक्तिशाली होते हैं अपने मुख से बोली हर बात सच हो जाती है
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Conclusion निष्कर्ष
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