Jobs in Germany जर्मनी में नौकरियां
Jobs in Germany:-जर्मनी में इंजीनियरिंग, IT और हेल्थकेयर जॉब्स पाने का मौका,
‘opportunity card’ से मिल सकते हैं 3 वर्ष का visa और job
जर्मन गवर्नमेंट ने अप्रैल 2024 तक 7 लाख से भी ज्यादा Govt. jobs को खाली रहने और वर्ष 2035 तक 70 लाख Skilled workers की आवश्यकता को देखते हुए Opportunity Card ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ शुरू किया है। इसे भारतीयों सहित विभिन्न एशियाई देशों के लिए एक बहुत अच्छा अवसर माना जा रहा है। इसे पाने के लिए 2 वर्ष की तक की वोकेशनल ट्रेनिंग या डिग्री उत्तीर्ण होना आवश्यक है ।
Germany Opportunity Card: इस कारण से जर्मनी ने किया लॉन्च?
जर्मनी की सरकार के द्वारा ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ लॉन्च किए जाने के पीछे एक खास वजह है skilled workers की कमी। खबरों के अनुसार ,
जर्मनी को साल 2035 तक 70 लाख से भी अधिक स्किल्ड वर्कर्स की डिमांड होगी। इंडस्ट्री सेक्टर्स की बात की जाये तो सबसे ज्यादा नर्सिंग, Food and Beverages कंपनियों और IT से सम्बन्धित स्किल्ड वर्कर्स की जर्मनी में काफी कमी है।
जर्मनी की Federal Employment Agency की हालिया रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2024 तक 7 लाख से भी ज्यादा सरकारी jobs की vacancy हैं। ऐसे में जर्मन सरकार की ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के माध्यम से skilled manpower की कमी को दूर करने का टारगेट है।
Germany Opportunity Card Eligibility: इसके लिए योग्यता
जर्मन सरकार के द्वारा मुहैया कराये जा रहे ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ को पाने के लिए कैंडिडेट्स को मिनिमम 2 साल की अवधि की वोकेशनल ट्रेनिंग या प्रोफेशनल डिग्री का होना जरूरी । साथ ही, अंग्रेजी या जर्मन भाषा पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। हालांकि, जर्मन भाषा का बेसिक ज्ञान (लेवल A 2) आवश्यक है। इसके अलावा जर्मनी में एक वर्ष रहने के लिए 12 हजार यूरो (करीब 10 लाख) रुपये होने चाहिए।
वोकेशनल ट्रेनिंग (vocational training)का क्या अर्थ होता है?
वोकेशनल कोर्स में छात्र को किसी विशेष फील्ड के ट्रेड्स के बारे में सिखाया जाता है। कई प्रकार के अलग अलग क्षेत्र जैसे हेल्थ केयर, ग्राफिक, वेब डिजाइनिंग, फूड टेक्नोलॉजी, कॉस्मेटोलॉजी में इस तरह के कोर्स ऑफर किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त तकनीकी कामों जैसे , प्लम्बिंग ऑटोमोटिव रिपेयर और एयरकंडिशनिंग में भी ये कोर्स कर सकते हैं।
Germany Opportunity Card Benefits: ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के लाभ
जर्मनी गवर्नमेंट के द्वारा दिए जा रहे ‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ को पाने के पश्चात प्रोफेशनल्स इसके तहत अब बढ़ाई गई अवधि – 2 वर्ष तक आप वहां रह सकेंगे। कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में इस अवधि को और दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में एक वर्ष जॉब सर्च कर के बाद अधिक से अधिक 3 वर्ष तक रह सकते है।
वहां की सरकार ने ‘Opportunity Card’ स्कीम के अंतर्गत Part Time Jobs की सीमा को 10 घंटे से बढ़ाकर 20 घंटे कर दिया है। इससे प्रोफेशनल्स को Job सर्च करने में आसानी होगी।
‘अपॉर्चुनिटी कार्ड’ के लिए 40 वर्ष से कम आयु वाले युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।अपॉर्चुनिटी कार्ड’ पाने के लिए अप्लीकेशन प्रॉसेस और आवश्यक दस्तावेज की जानकारी के लिए जर्मन दूतावास की ऑफिसियल वेबसाइट, india.diplo.de पर विजिट करें ।
विदेश में नौकरी करने के लाभ और हानि(Profit and loss.)
विदेश में नौकरी करने के कई फायदे और नुकसान इस प्रकार है।
लाभ:Profit
अच्छे वेतन और सुविधाएँ: ज्यादातर देशों में विदेशी कर्मचारियों को बेहतर वेतन और अन्य लाभ (जैसे स्वास्थ्य बीमा, यात्रा भत्ते, आदि) मिलते हैं।
नई सांस्कृतिक अनुभव: विदेशी Jobs आपको विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से परिचित कराती है, जो व्यक्तिगत और Professional विकास में सहायक हो सकती है।
कैरियर विकास: अंतरराष्ट्रीय अनुभव से आपके Career की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं। आपको नए कौशल और कार्य पद्धतियों को सीखने का मौका मिलता है, जो आपके पेशेवर विकास में सहायक होता है।
नेटवर्किंग अवसर: आप विभिन्न देशों से आने वाले पेशेवरों से जुड़ सकते हैं, जो भविष्य में आपकी Career के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
जीवन की गुणवत्ता: कुछ देशों में जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है, जैसे बेहतर Healthसुविधाएँ, Education, और सामाजिक सुरक्षा।
हानियाँ:Loss
संस्कार और भाषा की चुनौतियाँ: नए देश की संस्कृति, भाषा और कार्य करने की शैली को समझना कठिन हो सकता है, जिससे सांस्कृतिक Confusion हो सकता है।
घरेलू जीवन से दूर रहना: विदेश में काम करने का मतलब है परिवार और दोस्तों से दूर रहना, जिससे मानसिक तनाव और अकेलापन महसूस हो सकता है।
स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजनाएँ: Health Insurance and Pension Plans कुछ देशों में विदेशी कर्मचारियों को स्वास्थ्य Insurance या पेंशन योजनाओं में शामिल करने में कठिनाई हो सकती है।
वित्तीय समायोजन: Financial Adjustment: विदेशी मुद्रा दरों के उतार-चढ़ाव से वेतन में अस्थिरता आ सकती है, जिससे Financial समस्याएँ हो सकती हैं।
कानूनी और दस्तावेजी परेशानियाँ: विदेशी देशों में काम करने के लिए वीज़ा और काम के परमिट की जटिलताएँ हो सकती हैं।
निष्कर्ष: Conclusion
विदेश में नौकरी करने के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं, और यह निर्भर करता है कि व्यक्ति की प्राथमिकताएँ और परिस्थितियाँ क्या हैं। यदि सही योजना बनाई जाए और समायोजन की प्रक्रिया को ठीक से समझा जाए, तो विदेश में काम करना Careerऔर व्यक्तिगत विकास के लिए फायदेमंद हो सकता है।
Jobs in Germany FAQs
सवाल:- जर्मनी में नौकरी पाने के लिए कौन-से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
जवाब:-आपका पासपोर्ट, वीज़ा, शैक्षिक प्रमाण पत्र, और काम का अनुभव प्रमाण पत्र।
सवाल:-क्या जर्मनी में अंग्रेजी बोलने वालों के लिए नौकरी के अवसर हैं?
जवाब:-हां, विशेष रूप से आईटी, Engineering और Research के क्षेत्रों में।
सवाल:- जर्मनी में नौकरी पाने के लिए कौन-सी भाषा सीखनी चाहिए?
जवाब:-जर्मन भाषा सीखना अत्यधिक लाभदायक है।
सवाल:- क्या जर्मनी में भारतीय डिग्री मान्यता प्राप्त होती है?
जवाब:-हां, लेकिन कई बार प्रमाणिकता की पुष्टि के लिए दस्तावेज़ों का अनुवाद और सत्यापन आवश्यक हो सकता है।
सवाल:- क्या जर्मनी में नौकरी करने के लिए ब्लू कार्ड आवश्यक है?
जवाब:-उच्च कुशल पेशेवरों के लिए यूरोपीय ब्लू कार्ड बहुत मददगार है।
सवाल:-जर्मनी में औसत कार्य समय कितना होता है?
जवाब :-सामान्यतः, सप्ताह में 40 घंटे।
सवाल:- जर्मनी में सबसे अधिक मांग वाले पेशे कौन-से हैं?
जवाब:-I.T. Expert, इंजीनियर, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर, और वैज्ञानिक।
सवाल:- क्या जर्मनी में इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध हैं?
जवाब:-हां, विशेष रूप से छात्रों और नए स्नातकों के लिए।
सवाल:-क्या जर्मनी में नौकरी करने के लिए वर्क परमिट आवश्यक है?
जवाब:- यूरोपीय संघ के बाहर के नागरिकों के लिए वर्क परमिट आवश्यक है।