Moksh ka marg kya hai

Moksh ka marg kya hai in hindi मोक्ष का मार्ग क्या है ?

Moksh ka marg kya hai :अष्टांग योग मोक्ष का मार्ग है!अष्टांग योग में मोक्ष के 8 पड़ाव बताये है , जब आप इन आठ नियम को पूरा कर लेते हो मोक्ष प्राप्त कर लोगे , ये आठ विधि कुछ इस प्रकार है

मोक्ष का उद्देश्य जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त होने के अलावा सर्वशक्तिमान हो जाने से भी है। सनातन धर्म में मोक्ष तक पहुंचने के 112मार्ग बताए गए हैं। गीता में उन मार्गों को 4 मार्गों में विस्तार से बताया है। ये 4 मार्ग हैं- “कर्मयोग, सांख्ययोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग।”

1.यम
2.नियम
3.आसन
4.प्राणायाम
5.प्रत्याहार
6.धारणा
7.ध्यान
8.समाधी

1.यम (बुरे काम छोड़ना)

2.नियम (अच्छे काम करना)

3.आसन (शरीर स्वस्थ रखना)

4.प्राणायाम (श्वासों पर संयम रखना)

5.प्रत्याहार (अपने दोषो को दूर करना)

6.धारणा (चित को ध्येय में लगाना)

7.ध्यान (अगर लग जाये)

8.समाधी (जो स्थिर हो जाये)

Moksh ka marg kya hai in hindi

1.(‘यम’ )

‘यम’ और ‘नियम’ वस्तुतः शील और तपस्या के द्योतक हैं। यम का अर्थ है संयम जो पांच प्रकार का माना जाता है :
(क) अहिंसा,
(ख) सत्य,
(ग) अस्तेय (चोरी न करना अर्थात्‌ दूसरे के द्रव्य के लिए इच्छा या कामना, न रखना),
(घ) ब्रह्मचर्य, तथा अपरिगृह।

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अष्टांग योग के ‘नियम’ (Niyama in Ashtanga Yoga)
नियम के पांच प्रकार हैं जैसे निज से ही संबंधित है. इसमें ऐसे कर्मों के बारे में समझाया गया है जो हमें खुद की शुद्धि के लिए करने होते हैं. नियम के पांच प्रकार हैं- “शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय और ईश्वर प्रणिधान. “

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vikas kumar

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