pachpeda gaon kahan hai
पचपेड़ा गांव कैसा है और कहा है ?
पचपेड़ा गांव किला रोड पर स्थित है , जनपद मेरठ (उत्तर प्रदेश ) शिव और शनि मंदिर पचपेड़ा गांव के रोड पर है यह गांव बहुत ही शांतिप्रिय गांव है जो की अनेक जातियों ,ज्यादातर मुस्लिम आबादी वाला गांव है,गांव के प्रधान जी वर्तमान समय (सोनू) हैं जिन्होंने गांव में बहुत ही अच्छा काम किया है ,बहुत ही कॉपरेटिव हैं ,pachpeda gaon में बहुत खुशहाली है ।
पचपेड़ा गांव की विशेषताएं
pachpeda gaon बेहद ही शांतिप्रिय गांव है और यह गांव मेरे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह गांव सामाजिक संरचना, और खुशहाली के लिए प्रसिद्ध है।मेरे गांव की सबसे खास बात यहाँ के वातावरण की सुंदरता।
यहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य और हरियाली सबसे मुख्य है। हमारे गांव के आस-पास के खेतों में हरियाली का विशेष ध्यान रखा जाता है और यहाँ के पेड़-पौधों की देखभाल की जाती है। इसके परिणामस्वरूप, यहाँ के वातावरण में स्वच्छता और हरियाली की भरपूर मौजूद है।
पचपेड़ा गांव का नाम पचपेड़ा कैसे पड़ा , इसके पीछे भी एक कहानी प्रचलित है , ऐसा माना जाता है की इस गांव में पांच बड़े बड़े पीपल के पेड़ थे , जिसके कारण इस गांव का नाम पचपेड़ा हो गया ,
पचपेड़ा गांव शिक्षा के क्षेत्र में
मेरे गांव में समाजिक संरचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमारे गांव में साक्षरता दर सामान्य है और शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रयास किए जा रहे हैं। हमारे गांव में कई स्कूल और कॉलेज हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
मेरे गांव की आर्थिक गतिविधियों में कृषि और गांव के उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे गांव के किसान स्वयंपर्याप्त फसलें उगाते हैं और उनका मार्केटिंग अच्छे तरीके से होता है।
व्यवसाय के बारे में
इस गांव में सभी सम्प्रदाय मिलझुलकर रहते है , ज्यादातर लोग खेतीबाड़ी और पशुपालन का काम करते हैं , sport का काम भी होता है , लैदर वाली क्रिकेट के बॉल बनाने के कई कारखाने भी है , सबसे पुराने क्रिकेट बॉल निर्माता कलीराम ,सोमपाल
सुन्दर जो तीन भाई है , लगभग ३५ से ४० साल इस व्यवसाय को करते हो गए होंगे , अजय और अर्जुन भी व्यवसाय को करते हैं , रूपचंद , राजेश , भीमराज , नेपाल , विनोद, महेंद्र नरेंद्र विकास , आकाश ये सभी लोग इस व्यवसाय को करते है ,