Chanakya Neeti kya hai

Chanakya Neeti kya hai चाणक्य नीति क्या है ?

Chanakya Neeti kya hai:चाणक्य नीति चाणक्य द्वारा रचित एक नीति ग्रन्थ है, जिसमे आचार्य चाणक्य की नीतियां हमे बताती हैं बेहतर जीवन के लिए क्या उपयोगी है क्या अनुपयोगी है,

जो व्यक्ति चाणक्य की नीतियों का अनुसरण करता है वह अपने जीवन में आए कठिन से कठिन समय में भी रास्ता खोज निकालता है। उसे बड़ी से बड़ी समस्या भी छोटी लगती है।

आचार्य चाणक्य की कुछ ऐसी नीतिया जो मूर्ख व्यक्ति को भी चालाक बना दे।चाणक्य द्वारा बताई गयी कुछ ऐसी बातें जो,विद्वान अहंकारी और मूर्ख को वश में कैसे करना है।

हमारे समाज में कई तरह के लोग रहते है। कुछ समझदार हैं तो कुछ लोग बुद्धिहीन कुछ अहंकारी तो कुछ ईमानदार और सत्यवादी है।अब इनके बीच में रहकर हम अपना कार्य कैसे सिद्ध कर सकते है ,अपना काम कैसे निकाल सकते हैं। ये ऐसी नीतिया है,जो आप अपने बिज़नेस के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

समझदार, मूर्ख,और विद्वान को कैसे वश में करें ?

समझदार और विद्वान
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बुद्धिहीन व्यक्ति से काम निकलना तो आसान है। लेकिन अगर किसी विद्वान् और समझदार व्यक्ति से काम निकलना है या कारवाना है तो उसके सामने केवल सच बोले। क्यंकि समझदार व्यक्ति सच बोलने वाले लोगों से ही प्रभावित होते हैं उन्हें ईमानदारी पसंद आती है

अहंकारी व्यक्ति को कैसे वश में करें ?

अहंकारी
आचार्य चाणक्य कहते है की एक अहंकारी व्यक्ति अपने अहंकार के कारन किसी को कुछ नहीं समझता किसी की बात को नहीं सुनता। उन्हें लगता है कि वो जो करते हैं, और कहत हैं बस वही सत्य है ।

और अगर ऐसे व्यक्ति से काम निकलवाना है तो उन्हें उचित मान-सम्मान देसम्मान देने से इनके अहंकार को और बढ़ावा मिलता है ,इसलिए इसलिए काम करवाया जा सकता है। ऐसे लोग मान-प्रतिष्ठा पाने का बड़ा शौक होता है।

मूर्ख व्यक्ति को कैसे वश में करें

मूर्ख
चाणक्य ने अपनी पुस्तक Chanakya Neeti में कहा हैं कि अगर किसी मूर्ख व्यक्ति से कोई काम करवाना हो तो जितनी हो सके उनकी प्रशंसा करें।क्यूंकि मुर्ख लोगों को अपनी तारीफ सुनना काफी पसंद होता है।

उनके साथ किसी भी वाद-विवाद में समय ख़राब न करें। बल्कि उनके मन के मुताबिक काम करें। उनको ही सही ठहराएं ऐसे लोग हमेशा अपने मन के मुताबिक काम करना पसंद करते हैं।

चाणक्य कौन थे ?

चाणक्य एक अर्थशास्त्री, राजनेता दार्शनिक और विद्वान शिक्षक,थे जिन्होंने भारतीय राजनीतिक ग्रंथ, ‘अर्थशास्त्र’ (राजनीति और अर्थशास्त्र का विज्ञान) लिखा था। चाणक्य ने मौर्य वंश की स्थापना में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इनका जन्म बहुत गरीब ब्राह्मण परिवार में, चाणक्य की शिक्षा तक्षशिला (जो अब पाकिस्तान में) में है हुई थी जो भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र रहाथा।

वह अर्थशास्त्र, राजनीति, युद्ध रणनीतियों, चिकित्सा और ज्योतिष जैसे विभिन्न विषयों में अच्छी पकड़ रखने वाले एक उच्च विद्वान व्यक्ति थे। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में अपना Career शुरू किया और आगे चलकर सम्राट चंद्रगुप्त के विश्वनीय सहयोगी बन गये।

सम्राट चंद्रगुप्त के सलाहकार के रूप में काम करते हुए,उन्होंने मगध क्षेत्र में पाटलिपुत्र में शक्तिशाली नंद वंश को उखाड़ फेंकने में चंद्रगुप्त की सहायता की थी और चंद्रगुप्त को नई शक्तियां प्राप्त करने में मदद की। चन्द्रगुप्त के पुत्र बिन्दुसार के भी सलाहकार रहे थे चाणक्य।

चाणक्य का बचपन का नाम क्या था ?

अब चाणक्‍य के बारे में जानकारी, चाणक्‍य का जीवन इतिहास के बारे में और जानें।चाणक्य एक दार्शनिक, न्यायविद् और शाही सलाहकार थे।

उनका बचपन का नाम विष्णु गुप्त था फिर भी उन्हें उनके उपनाम कौटिल्य से पहचाना जाता है।उन्होंने दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व और तीसरी शताब्दी ईस्वी के बीच राजनीति और अर्थशास्त्र के विज्ञान पर ‘अर्थशास्त्र’ की रचना की ।

उन्होंने नैतिकता और शासन कला जैसी कई चीज़ों पर किताबें लिखीं। उन्होंने प्रसिद्ध मौर्य सम्राट चंद्रगुप्त के राजनीतिक सलाहकार के रूप में काम किया और राज्य के विस्तार में उन्हें कई श्रेय दिए गए। बाद में वह चंद्रगुप्त के पुत्र बिंदुसार के सलाहकार बने।

गरीब को भी धनवान बना देंगी चाणक्य की ये नीति, बस ये गलती न करें

सफलता के शीर्ष पर पहुंचना है तो जीवन में चाणक्य की नीतियों का पालन करना होगा, कहते हैं कि चाणक्य नीति कंगाल को भी धनवान बना देती है. क्या आप जानते हैं धनवान बनने के लिए चाणक्य ने कहा है ।

कामयाब बनने का सबसे पहला सूत्र है, काम के प्रति ईमानदारी. जो लोग कड़ी मेहनत करते हैं मां लक्ष्मी उन पर मेहरबान हो जाती है।

चाणक्य नीति कहती है कि संकट के समय अक्सर लोग भटक जाते हैं और गलत राह पर निकल पड़ते हैं, वहीं जो मुश्किल घड़ी में भी ईमानदारी से अपना काम करते रहते हैं उनकी मेहनत व्यर्थ नहीं जाती है, ऐसे लोग कंगाल से बहुत जल्दी धनवान बन जाते है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार अपनी जिम्मेदारियों को सही समय पर पूरा करने वाला कभी भी असफल नहीं हो सकता. ऐसे लोग न सिर्फ देवी लक्ष्मी के प्रिय होते हैं ,बल्कि कुबेर को भी इनपर कृपा करनी पड़ती है, इसलिए अपनी जीवनशैली को सदा अनुशासित रखें ।

यह सत्य व्यक्ति के कर्म ही उसके बुरे और अच्छे वक्त का कारण बनते हैं,अच्छे समय में कभी अपने पद और पैसे का घमंड न करें, वहीं बुरे वक्त में धैर्य बनाये रखें ,ऐसा करने वाले व्यक्ति को कभी दुख का अहसास नहीं होता और उसका जीवन खुशी-खुशी बीतता है ।

मधुर वाणी और व्यवहार ये दो चीजें व्यक्ति की सफलता और असफलता में मुख्य भूमिका निभाती हैं. हमेशा अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें. वहीं अपने व्यवहार से किसी भी व्यक्ति को कभी मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तौर पर नुकसान न पहुंचाए.

व्यक्ति को हमेशा अपने लक्ष्य प्राप्ति के प्रति ध्यान केंद्रित रहना चाहिए। इससे लक्ष्य प्राप्त करने में व्यक्ति को बहुत मदद मिलती है। साथ ही सभी कार्यों में भी जल्द ही सफलता भी मिलती है ।

आचार्य चाणक्य के बारे में रोचक तथ्य (Interesting fact about Chanakya in Hindi)

इनका जन्म 371 ईसा पूर्व में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
आचार्य जी ने अपने समय के सबसे विद्वान और ज्ञानी व्यक्ति थे।
आज भी दुनिया की सभी नीतियां चाणक्य नीति पर ही आधारित होती है।
आचार्य चाणक्य जी को दवा के साथ-साथ खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी)का भी बहुत शौक था।

चाणक्य जी के बनाए गए नियमो से ही मौर्य साम्राज्य उस समय का सबसे बड़ा समराज बना था।
आचार्य जी ने राज्य चलाने के लिए अर्थशास्त्र पर महारत हासिल की थी।
आचार्य चाणक्य किसी भी इंसान के चेहरे को देख कर बता सकते थे कि सामने वाला व्यक्ति क्या सोच रहा है।
आचार्य जी ऐसे पहले विचारक थे जिन्होंने कहा था कि राज्य का एक अपना संविधान होना चाहिए।

आचार्य चाणक्य शिक्षा Chanaky Education

इन्होने जिस तक्षशिला विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई पूरी की थी वह जो अब अफगानिस्तान में है।
चाणक्य जी अपने भोजन में जहर की कुछ मात्रा मिलाते थे ताकि वह चंद्रगुप्त के किसी भी शत्रु के जहरीले हमले से बच सके।
मगर यह बात बाद में झूटी साबित हुई थी। लेकिन बिंदुसार की माता की हत्या का झूठा आरोप लगने पर इन्होंने अपने पद का त्याग कर दिया था।

आचार्य जी के पिता का नाम चाणक था, जो कि एक शिक्षक थे इसलिए इनका नाम चाणक्य पड़ा था।
इनका गोत्र कोटिल था जिससे इनका दूसरा नाम कौटिल्य भी पड़ा था।
आचार्य चाणक्य जी जब भी कोई प्लान बनाते तो वह बहुत दूर की सोच रखते हुए प्लान बनाते थे और साथ ही में हर प्लान के साथ एक दूसरा प्लान भी होता था।

आचार्य चाणक्य की मौत का दो कारण बताएं जा जाते हैं ,पहला कारण चाणक्य ने भोजन व पानी को त्याग कर अपनी इच्छा से शरीर को छोड़ दिया था, दूसरा कारण आचार्य चाणक्य जी एक षड्यंत्र के शिकार हुए और उनकी मौत हो गई।

चाणक्य जी जब पैदा हुए थे तब उनके मुंह में केवल एक ही दांत था, यानी कि जन्म के साथ ही उनके मुंह में एक दांत था।जिसे देखकर जैन मुनियों ने भविष्यवाणी की थी कि यह लड़का राजा बनेगा।
लेकिन यह बात सुनकर चाणक्य के माता-पिता घबरा गए ,चाणक्य ने वह दांत तोड़ दिया था , इसके पीछे एक कहानी है।

Chankaya Quotes In Hindi

कर्ज ,रोग और शत्रु को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए।

उस स्थान पर एक क्षण भी नहीं रुकना चाहिए जहां आपकी इज्जत न हो, जहां आप अपनी जीविका नहीं चला सकते, जहां आपका कोई दोस्त नहीं हो और जहां ज्ञान की तनिक भी बातें न हों.

मूर्ख व्योक्तिओँ से कभी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम अपना ही समय नष्ट करते हैं ।

ईश्वर मूर्तियों मे नहीं है . भाव में बसता है। आपकी अनुभूति ही आपका ईश्वर है और आत्मा आपका मंदिर।

भाग्य भी उन्हीं का साथ देता है जो कठिन से कठिन स्थितियों में भी अपने लक्ष्य के प्रति खड़े रहते हैं.

जिस प्रकार एक सुगंध भरे वृक्ष से सारा जंगल महक जाता है, उसी तरह एक गुणवान पुत्र से सारे कुल का नाम रौशन हो जाता है।

जो भी व्यक्ति आपकी बात को सुनते हुए इधर-उधर देखे उस आदमी पर कभी भी विश्वास न करे।

दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए , अगर अपनी गलतियों से सीखने का प्रयास करोगे तो आयु कम पड़ जाएगी.

किस्मत के सहारे चलना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. ऐसे व्यक्ति जीवन में कभी कामयाबी हासिल नहीं करते

कोई भी व्यक्ति ऊंचे स्थान पर बैठकर ऊंचा नहीं हो जाता बल्कि हमेशा अपने गुणों और अच्छे व्यवहार से ऊंचा होता है

शुरूआती पांच साल अपने बच्चे के साथ प्यार से व्यवहार करें। अगले पांच साल तक उन्हें डांटो। जब तक वे सोलह वर्ष के नहीं हो जाते, तब तक उनके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करें। अब देखो आपके बड़े हो चुके बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त हैं।

FAQ on Chanakya Neeti

सवाल:-चाणक्य नीति क्या है?
जवाब:-चाणक्य नीति भारतीय ऐतिहासिक ग्रंथों में से एक है, जिसे भारतीय दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, और अर्थशास्त्री चाणक्य ने लिखा था। यह ग्रंथ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उपदेश और संदेश देता है।

सवाल:-चाणक्य नीति में कितने अध्याय हैं?
जवाब:-चाणक्य नीति में कुल 17 अध्याय हैं। प्रत्येक अध्याय में विभिन्न विषयों पर चाणक्य के उपदेश हैं।

सवाल:-चाणक्य नीति के क्या मुख्य विषय हैं?
जवाब:-चाणक्य नीति में राजनीति, नैतिकता, व्यवसाय, संगठन, शिक्षा, और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर उपदेश दिए गए हैं।

सवाल:-चाणक्य नीति किस भाषा में लिखी गई है?
चाणक्य नीति संस्कृत भाषा में लिखी गई है, लेकिन इसकी अनुवाद कई भाषाओं में उपलब्ध हैं, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, बंगाली, तेलुगु, और मराठी शामिल हैं।

सवाल:-चाणक्य नीति का महत्व क्या है?
चाणक्य नीति मानव जीवन में समृद्धि, संगठन, और सफलता के लिए मार्गदर्शन प्रदान करती है। इसमें विवेकपूर्ण सलाह और नीतियों का संग्रह है जो व्यक्ति को सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

सवाल:-चाणक्य नीति का क्या उद्देश्य है?
जवाब:-चाणक्य नीति का मुख्य उद्देश्य लोगों को सही मार्गदर्शन प्रदान करना है, ताकि वे जीवन में सफलता प्राप्त कर सकें और समाज के लिए उपयुक्त नागरिक बन सकें।

सवाल:-चाणक्य नीति के कुछ प्रसिद्ध कोट्स क्या हैं?
जवाब:-चाणक्य नीति में कई प्रसिद्ध उद्धरण हैं, जिनमें “अर्थशास्त्रमुलं धर्मः” और “अपि शत्रुभयं न भयं च शास्त्रे कृते” जैसे उपदेश शामिल हैं।

सवाल:-चाणक्य नीति कौन-कौन से विषयों पर कमेंट करती है?
जवाब:-चाणक्य नीति विभिन्न विषयों पर टिप्पणी करती है, जैसे राजनीति, नैतिकता, धन, संगठन, और विज्ञान।

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Author

vikas kumar

मेरा नाम विकास है , यह मेरी हिंदी वेबसाइट है, मुझे करियर से संबंधित जानकारी और बिजनेस न्यूज , बायोग्राफी ,सफल लोगो के बारे में जानकारी देना ,लोगो को प्रेरित करना अच्छा लगता है , आप मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करे, साथ ही नोटिफिकेशन Allow करें धन्यवाद

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