humare mann me gande vichar

Humare Mann me Gande Vichar kyo aate hai.हमारे मन्न में गंदे विचार

Humare mann me Gande Vichar kyo aate hai:क्या हमने कभी सोचा है की हमारे मन में गंदे विचार क्यों आते है, क्यों हमारा मन न चाहते हुए भी गन्दी चीजों के बारे में सोचता रहता है,क्या ये सब विचार आना प्राकृतिक है ,क्या हमारे मन में उठने वाले अनावश्यक विचार हमे किसी बीमारी के लक्षण तो

नहीं ,या हमारा मन कही ऐसे विचार आने से अपवित्र तो नहीं हो रहा है, ये गंदे विचार हमारी आत्मा को मलिन तो नहीं कर रहे , ऐसे ही तमाम सवाल हमे परेशांन करते हैं जब हम धार्मिक होना चाहते है या , उपरोक्त विचारो को गलत मानते है ।

क्या शारीरिक सम्बन्ध बनाना या उसके विचार मन में आना उचित है या अनुचित

हम अपने जीवन को कभी भी आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं देखते है, हमे भौतिक और सांसारिक जीवन को समझना होगा। सांसारिक और आध्यात्मिक जीवन के महत्त्व को समझना होगा , हम जन्म लेते है, जवान होते है , और फिर भूढ़े होते है, और

फिर मर जाते है, क्या हमारा जन्म इसलिए होता है , की एक दिन हमे मर जाना है । कभी विचार करें कुदरत हमसे क्या चाहता है, हमारे मन में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण किसने भरा , हमारा मन हमेशा विपरीत लिंग की और आकर्षित होता है ।

humare mann me gande vichar आना स्वाभाविक है, कोई भी ऐसा काम जो हमारी मानसिक शांति भंग करे और उसका परिणाम ख़राब हो, अनुचित है , चाहे वह किसी के साथ सम्बन्ध स्थापित करना हो या , साथ रहना ।

हम विपरीत लिंग की ओर आकर्षित क्यों होते है ?

कुदरत हमसे बस यही चाहता है की हम संतान पैदा करें , ज्यादातर हमारा समय विपरीत लिंग को खोजने में बीतता है, दूसरा साथी मिलते ही हमे लगने लगता है , बस हमारे जीवन का उद्देश्य पूरा हुआ।

और हमे अपना सबकुछ अपना साथी ही लगने लगता है, उसी को अपना वर्तमान और भविष्य समझने लगते है,और फिर कुछ साल या महीने ही साथ में रहने से हम एक दुसरे से ऊब जाते है , जो कल हमारे जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी

थी वो आज सबसे बड़ी पेशानी लगने लगती है, अपने जीवन को बढ़ाते रहे, हमारे मर जाने के बाद भी हम अपनी संतान के रूप में इस पृथ्वी पर रहें, प्रकृति हमे केवल , पेट भरना और संतान पैदा करना bydefault देता है , nature प्रकृति ही वास्तविक ईश्वर है , जो हमे पांच रूप में हमारे शरीर में प्राप्त हुआ है ।

मन की प्रवर्ति कैसी होती है। How is the Nature of the Mind,

हमारे मन की प्रवर्ति है लगातार सोचना , विचार करना हमारे मन के विचार हमारे आसपास का माहौल , हमारे समाज , हमारे परिवार पर निर्भर करता है,, हम जैसे परिवार समाज और माहौल में रहते है , वैसे ही हमारा मन और हमारे विचार होते है,

humare mann me gande vichar aana humari sthithi par nirbhar karta hai, क्या हम अपने मन में उठने वाले गंदे विचार को कण्ट्रोल कर सकते है , बहुत ही कम लोग इस पर विचार करते है,हम अपने मन में उठने वाले विचारो को नहीं रोक

सकते जैसे हम बहता हुआ पानी नहीं रोक सकते बस उसकी दिशा बदल सकते है ऐसा ही हम अपने विचारो के साथ कर सख्त है। अपने विचारो को अच्छी चीजे सोचने पर लगाए, अच्छी चीजे करें अच्छे माहौल में रहें अच्छे विचार लाएं , अच्छी संगत करें , जैसे फूल बेचने वाले के हाथो में खुशबु और मास बेचने वाले के हाथो में बदबू अपने आप आ जाती है ।

विचार ही हम है।

जो हम विचार करते है , हम वही बन जाते है ,हमारे विचार ही हमे जीवन के प्रति ईमानदार बनाते है, जिस विचार को हम अपने मस्तिष्क में सबसे ज्यादा पाते है, वही विचार साकार होने लगते है ,विचारो की शक्ति को जानो उसकी महत्वता को जानकर

उसका लाभ लो , विचार बहुत ही शक्तिशाली होते है , विचार हमारे जीवन में चीजे आकर्षित करते है , अच्छे विचार मन पवित्र करते है, मन में चलने वाले गंदे विचार , न केवल हमारे मन को प्रभावित करते है, बल्कि शारीरिक रूप से भी कमजोर करते है,विचार बनाये जिंदगी , विचार बिगाड़े जिंदगी

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निष्कर्ष Conclusion

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Author

vikas kumar

मेरा नाम विकास है , यह मेरी हिंदी वेबसाइट है, मुझे करियर से संबंधित जानकारी और बिजनेस न्यूज , बायोग्राफी ,सफल लोगो के बारे में जानकारी देना ,लोगो को प्रेरित करना अच्छा लगता है , आप मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करे, साथ ही नोटिफिकेशन Allow करें धन्यवाद

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