mata ke nau roop

Mata ke nau roop देवी माँ के नौ रूप !

नवरात्री कब मनाया जाता है , इसका क्या मतलब होता है ?

नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो नौ दिनों तक मनाया जाता है, जिसके दौरान देवी Mata ke nau roop की पूजा की जाती है। त्योहार सितंबर या अक्टूबर के महीनों में पड़ता है और भारत में मनाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।

नवरात्रि शब्द संस्कृत के दो शब्दों से बना है: ‘नव’ का अर्थ है नौ और ‘रात्रि’ का अर्थ है रात। यह त्योहार नौ रातों और दस दिनों तक मनाया जाता है, जिसके दौरान लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं, जो शक्ति का प्रतीक हैं। अंग्रेजी में happy navratri बोलकर भी विश किया जाता है

नवरात्री में दुर्गा माँ के किन किन रूपों की पूजा होती है ?

पहला नवरात्र मां शैलपुत्री की पूजा

दूसरा नवरात्र मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

तीसरा नवरात्र मां चंद्रघंटा की पूजा

चौथा नवरात्र मां कूष्मांडा की पूजा

पांचवा नवरात्र मां स्कंदमाता की पूजा

छटा नवरात्र मां कात्यायनी की पूजा

सातवा नवरात्र मां कालरात्रि की पूजा

आठवां नवरात्र मां सिद्धिदात्री की पूजा

नौवां नवरात्र मां महागौरी की पूजा

नवरात्री कहाँ कहाँ मनाया जाता है ?

नवरात्रि भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है। गुजरात में, लोग इसे पारंपरिक नृत्य रूप गरबा करके बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाते हैं। पश्चिम बंगाल में, इसे दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है, जहाँ विशाल पंडाल (अस्थायी संरचनाएँ) स्थापित किए जाते हैं, और लोग देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।

मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें ?

पहला नवरात्र मां शैलपुत्री को समर्पित हैं, जो प्रकृति के विनाशकारी रूप का प्रतिनिधित्व करती हैं। इन तीन दिनों के दौरान, लोग देवी मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं और अपने जीवन से सभी बाधाओं को दूर करने के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं हैं।

पहले दिन माता शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें, और उसके नीचे लकड़ी की चौकी लगाकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं। इसके ऊपर केशर से ‘शं’ लिखें और उसके ऊपर मनोकामना पूर्ति छोटी पुस्तक को रखें। उसके बाद हाथ में लाल पुष्प लेकर माँ शैलपुत्री का ध्यान करें। “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।” का उच्चारण ज्यादा से ज्यादा करें।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें ?

देवी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उनसे प्रार्थना करें। इसके बाद देवी माँ को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, सिन्दुर,कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें।

देवी माँ को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं। इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को अर्पित कर सकते हैं , और ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:। या देवी सर्वभूतेषु “मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।” मंत्रों का जाप करें।

मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें ?

सुबह 4 से 5:30 के बीच में उठकर अच्छे से स्नान करने के बाद माता का ध्यान करें और फिर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद तीसरा नवरात्र मां चंद्रघंटा का ध्यान करते हुए पांच घी के दीपक जलाएं और फिर माता को पीले गुलाब के फूल या सफेद कमल या फूल माला अर्पित करें।

इस मंत्र का जाप करें “वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥ मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्। खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥”

मां कूष्मांडा की पूजा कैसे करें ?

नवरात्रि के चौथे दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करने के बाद माँ कुष्मांडा देवी को प्रणाम करें और उनकी साधना में बैठ जाएं। मां कुष्मांडा को हरा रंग बहुत प्रिय है इसलिए इन्हें हरे रंग के फूल चढ़ाएं और भोग में भी हरे रंग का प्रसाद अर्पित करना चाहिए।

जैसे अमरुद नाशपाती या हरी मिठाई आदि और इस मंत्र का जाप करें या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करें ?

सुबह में जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ- स्वच्छ कपडे धारण करें। मां की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं। स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें मां को रोली कुमकुम भी लगाए मां को मिष्ठान और पांच प्रकार के फलों का भोग लगाएं। मां स्कंदमाता का ध्यान करें। और इस मंत्र का जाप करें या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां कात्यायनी पूजा कैसे करें ?

सुबह को नहाने के बाद पूजा प्रारम्भ करने से पहले माता का चरणों में ध्यान करें और हाथ में फूल ले और लेकर संकल्प जरूर लें। इसके बाद वह पुष्प मां कात्यायनी को समर्पित करें।

फिर कुमकुम, अक्षत, फूल आदि और सोलह श्रृंगार माता को अर्पित करें। मिठाई इत्यादि का भी भोग लगाएं। उसके बाद उनके प्रिय भोग शहद को अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें “या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

मां कालरात्रि की पूजा कैसे करें ?

मां कालरात्रि को रातरानी के फूल अति प्रिय होते हैं इसलिए माँ को रातरानी के फूल चढ़ाएं जाते हैं और मिठाई के लिए गुड़ का भोग लगाया जाता है। इसके बाद कपूर या दीपक से माता की आरती करें और जयकारे भी लगाएं।

आरती के बाद दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सकते हैं और मां दुर्गा के मंत्रों का भी जप करें। लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जप करें
“ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: “

मां सिद्धिदात्री की पूजा कैसे करें ?

अष्टमी के दिन भी बाकी दिनों की तरह सबसे पहले स्नान आदि करने के पश्चात ही पूजा की तैयारी करें लकड़ी की चौकी पर लाल कपडे को बिछाकर उसपर मां सिद्धिदात्री की मूर्ति रखकर आरती, और हवन करें.

हवन के दौरान सभी देवी और देवताओं के नाम से आहुति दें. इसके बाद मां के नाम से आहुति दें. और इस मंत्र का जाप करें “या देवी सर्वभू‍तेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥”

मां महागौरी की पूजा पूजा कैसे करें ?

सुबह सूर्य उदय से पहले उठ जाएं और स्नान आदि करने के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करने के बाद फिर मां दुर्गा की प्रतिमा एक चौकी पर स्थापित करें। और गंगाजल से माँ का स्नान कराएं।फिर उनके सामने दीप और धूप जलाएं और मां को फल फूल और नैवेद्य अर्पित करें।श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और मंत्रों का जाप करते हुए ।


माता महागौरी को काले चने और पांच प्रकार के ड्राई फ्रूट्स का भोग अवश्य लगाएं।घी के दीपक और कपूर से माता महागौरी की आरती करें। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करवाते हैं।कन्याओं को घर बुलाकर खाना खिलाए और अपनी इच्छा के अनुसार उन्हें भेंट दे। फल और पैसे रूप में भेट दें ।

विजयादशमी या दशहरा कैसे मानते हैं ?

दशहरा भगवान राम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है जबकि विजयादशमी माता दुर्गा द्वारा महिषासुर की हत्या करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। विजयादशमी को शक्ति पूजा भी कहते हैं। इस दिन शस्त्र पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान प्रभु श्री राम ने भी रावण वध करने के पहले माता शक्ति की पूजा की थी और उनसे आशीर्वाद लिया था।

दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत क्यों कहते हैं।

दसवें दिन, जिसे विजयादशमी या दशहरा के रूप में जाना जाता है, लोग बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रभु श्री राम ने इस दिन राक्षस राजा रावण को हराया था, और इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

क्या खास है इस दिन ?

नवरात्रि न केवल देवी दुर्गा की पूजा का त्योहार है, बल्कि उपवास, दावत और सामाजिक मेलजोल का भी समय है। लोग दिन में उपवास रखते हैं और रात में केवल एक समय का भोजन करते हैं, जो आमतौर पर त्योहार के लिए तैयार विशेष व्यंजनों से बनाया जाता है। वे त्योहार मनाने के लिए अपने दोस्तों और परिवार को भी अपने घरों में आमंत्रित करते हैं।

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Interesting Navratri Fact

1.नौ देवियां हर दिन एक एक करके सभी की पूजा की जाती है। इन नौ देवियों के नाम हैं – “शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।”

2.हिन्दू नवरात्री का पहला और अंतिम दिन अक्षय तृतीया होता है, जो धन और संपत्ति की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।

3.नवरात्री में लोग व्रत रखते हैं और विशेष प्रकार के भोजन खाते हैं, जैसे कि सात्विक भोजन, जैसा कि ,आलू ,सिंघाड़ा, कुट्टू का आटा और सबूदाना।

4.उत्तर भारत में, खासकर गुजरात और राजस्थान में, नवरात्री के दौरान गरबा और दंडिया रास का आयोजन किया जाता है। यह लोकनृत्य है जिसमें लोग रातभर गाते-नाचते हैं।

5.नवरात्री के अंतिम दिन, नौ या अधिक 12 या 13 साल से कम आयु की बालिकाओ का पूजन किया जाता है, जिन्हें कन्या कहा जाता है। इस पूजा में कन्याओं को भोजन और उपहार दिया जाता है।

6.नवरात्री के दौरान, लोग नौ देवियों के मंदिरों की यात्रा करते हैं और उन्हें पूजते हैं।

7.नवरात्री के दौरान, मंदिर, घर, और सार्वजनिक स्थलों में विशेष पंडाल और गार्डन सजावट का काम किया जाता है।

8.नवरात्री के दौरान, धर्मिक कथाएँ, चौपाईयाँ और कविताएँ सुनाई जाती हैं, जो नवरात्री के इतिहास और महत्व को दर्शाती हैं।

9.नवरात्री के दौरान या बाद में लोग पंडाल लगाकर भंडारा या लंगर करते है , जिसमे भोजन (हलवा खीर पूरी और आलू की सब्जी ) की व्यवस्था की जाती है।

Navratri FAQ

नवरात्री एक ऐसा हिन्दू त्योहार है जो देवी माँ दुर्गा की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस त्योहार के बारे में कुछ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब नीचे दिए गए हैं

सवाल:-नवरात्री क्या है?
जवाब:-नवरात्री एक हिन्दू त्योहार है जो नौ दिनों तक मनाया जाता है। इसमें देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।

सवाल:-नवरात्री कब मनाई जाती है?
जवाब:-नवरात्री चैत्र नवरात्री और शरद नवरात्री दो प्रकार की होती है। चैत्र नवरात्री चैत्र मास के अंत में और शरद नवरात्री अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है।

सवाल:-नवरात्री का क्या महत्व है?
जवाब:-नवरात्री में देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और इसे नौ दिनों तक ध्यान और भक्ति में बिताया जाता है। इस त्योहार को मनाने से लोग मानते हैं कि वे सभी कष्टों और संकटों से मुक्त हो जाते हैं।

सवाल:-नवरात्री में कौन-कौन से देवी-देवता पूजे जाते हैं?
जवाब:-नवरात्री में नौ दिनों में नौ रूपों वाली देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। इन नौ रूपों के नाम हैं: “शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री।”

सवाल:-नवरात्री में कौन से भोजन खाये जाते हैं?
जवाब:- शाकाहारी भोजन खाते हैं। व्रत वाले खाने में साबूदाना, कुट्टू का आटा, फल, सब्जियां, दूध, नट्स और मिठाई खाते हैं।

सवाल:-नवरात्री का कैसे पूजन किया जाता है?
जवाब:-नवरात्री में देवी दुर्गा की मूर्ति या छवि की स्थापना की जाती है। प्रतिदिन देवी की पूजा, अर्चना, आरती और भजन की जाती है।

सवाल:-नवरात्री में कौन-कौन से खेल और उत्सव मनाए जाते हैं?
जवाब:-गरबा और दंडिया रास जैसे खेल और उत्सव मनाते हैं। इन उत्सवों में लोग नृत्य करते हैं और धमाल मचाते हैं।

ये थे कुछ नवरात्री के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर हैं। नवरात्री का उत्सव धार्मिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।

इन्हे भी पढ़ें।। महाशिवरात्रि तिथि, समय, इतिहास और महत्व. ।। भगवान श्री कृष्ण कौन हैं ? ।। हिंदू धर्म क्या है

निष्कर्ष

अंत में, नवरात्रि एक जीवंत और खुशी का त्योहार है जो देवी दुर्गा की शक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह लोगों के एक साथ आने और भक्ति, उपवास और दावत के साथ जश्न मनाने का समय है।

यह त्योहार न केवल हिंदुओं के लिए बल्कि विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो इस खूबसूरत त्योहार को मनाने के लिए एक साथ आते हैं। आपको हमारा यह आर्टिकल mata ke nau roop कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं शेयर भी करें धन्यवाद

Author

vikas kumar

मेरा नाम विकास है , यह मेरी हिंदी वेबसाइट है, मुझे करियर से संबंधित जानकारी और बिजनेस न्यूज , बायोग्राफी ,सफल लोगो के बारे में जानकारी देना ,लोगो को प्रेरित करना अच्छा लगता है , आप मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करे, साथ ही नोटिफिकेशन Allow करें धन्यवाद

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