Ram Mandir Ayodhya उसका विवरण 22 जनवरी प्राण प्रतिष्ठा
Ram Mandir Ayodhya: भारत के इतिहास में 22 जनवरी एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन के रूप में लोकप्रिय है, खासकर राम मंदिर के बारे में। यह दिन भगवान राम के भक्तों और भारतीय समाज के लिए एक श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 22 जनवरी को ही भूमिपूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव रखी गई थी। अब 22 january 2024 ko पूरे दो साल बाद है RamMandirPranPrathistha है ।
भगवान राम का जन्मस्थान
अयोध्या Ram Mandir ने न केवल भारतीय समर्थ और सांस्कृतिक विरासत के रूप में अपनी पहचान बनाई है, बल्कि इसे रामायण के प्रमुख स्थलों में से एक माना है। भगवान राम का जन्मस्थान भी यहां है और इसी कारण समृद्धि और पौराणिक महत्व के कारण इसे एक धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में माना जाता है।
22 जनवरी 2022 को जब राम मंदिर की नीव रखी गयी थी अयोध्या में एक बड़े और ऐतिहासिक क्षण ने साकारात्मक रूप से हो गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या गए और श्रीराम मंदिर की नींव का भूमिपूजन किया। इस मौके पर देशभर से लाखों श्रद्धालु और उन्नत तकनीकी साधनों के साथ इस महत्वपूर्ण क्षण को देखने आए थे। पूरे दो साल बाद 22 janury 2024 को प्राण प्रतिष्ठा है।
22 janury 2024 को क्या होगा अयोध्या में
सामाजिक और धार्मिक भावना मजबूत होगी ,यह क्षण न केवल एक धार्मिक स्थल के निर्माण का आरंभ था, बल्कि यह भी भारतीय समाज में समर्थन और एकता की भावना को बढ़ावा देने वाला एक सांस्कृतिक और राष्ट्रीय घटना बन गया। इस मौके पर सनातन धर्म और समाज ने दिखाया कि वह अपनी विभिन्नता को छोड़कर एक मजबूत और सांघटित रूप में समर्थ है और एक साथ चल सकता है।
इस नींवारंभ के बाद, अयोध्या में श्रीराम मंदिर की निर्माण प्रक्रिया पूरी हो गयी है और लोग एक नए भव्य मंदिर को देखने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस मंदिर का निर्माण एक सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से हुआ है जो भारतीय समाज के लिए बड़े ही गर्व की बात है । 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह है।
22 january 2024 को पूरे भारत में अवकाश घोषित क्यों कर दिया गया है।
इसे देशवासियों के बीच एकता और स्ट्रेटेजी के चरण के रूप में देखा जाता है जो एक साथ मिलकर अपने सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मजबूत बना रहा है। 22 जनवरी का ऐतिहासिक दिन भारतीय समाज के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बन चूका है है, जिसमें समृद्धि, समर्थन, और सामरिकता की भावना से भरपूर है।
22 january 2024 को पूरे भारत में अवकाश घोषित कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर पूरे प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। इस दिन सभी शिक्षण संस्थाएं व सरकारी कार्यालय सहित अन्य प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने अयोध्या की ओर जाने वाले सभी मार्गों को ग्रीन कारिडोर बनाने और इन पर कहीं भी अतिक्रमण न होने का कड़ा निर्देश भी दे दिया है। सभी इसका पालन करें।
राजनीतिक विवाद Political dispute
22 january प्राण प्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने से राजस्थान कांग्रेस में विवाद हो गया , कई कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टीभी छोड़ दी हैअयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के टॉप लीडर्स ने शामिल होने से इनकार कर दिया है जिससे नाराज होकर राजस्थान के कोटा में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन भी किया ,
बताया जा रहा है , इस दौरान कई कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने पार्टी को छोड़ दिया। कंवर सिंह चौधरी ने कहा कि भगवान राम में पूरे भारत के लोगों की आस्था है। हमे इसका सम्मान करना चाहिए।
भगवान राम जन्मभूमि मंदिर की व्याख्या क्या है ?
भगवान श्री राम जन्मभूमि मंदिर का मुद्दा भारतीय सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। इसकी व्याख्या करने से पहले, हम चाहते हैं जो जरूरी है कि आपको इस मुद्दे के बारे में कुछ मौखिक और स्थायी जानकारी कराई जाये
राम जन्म भूमि मंदिर का मुद्दा भगवान राम के जन्म स्थल पर एक हिन्दू मंदिर बनाने के लिए है, जो रामलला के नाम से भी प्रसिद्ध है। यह स्थान अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत में है।
मंदिर का मुद्दा एक दशकों तक भारतीय सामाजिक-राजनीतिक में चर्चा में रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में एक ऐतिहासिक फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि अयोध्या के राम जन्मभूमि पर हिन्दू मंदिर के लिए स्थान देने का निर्णय किया जाए, वही दूसरी और मुस्लिम पूर्वाधिकारी के लिए अलग स्थान दिया गया।
निर्माण कार्य कब शुरू हुआ ?
इस भव्य मंदिर निर्माण का कार्य 2020 में शुरू हुआ और इसे ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ कहा जाता है। इस मंदिर की व्याख्या हिन्दू धर्म, भारतीय सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से की जा सकती है, और यह एक सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
राम मंदिर में लगा है 2400 किलो वजन का घंटा, जो एटा में बनकर हुआ तैयार- कीमत जानकर हो जायेंगे हैरान घंटा अष्टधातु( Eight metal) का है जिसमें पीतल कांस्य तांबा एल्मूनियम लोहा स्वर्ण चांदी और जस्ता शामिल हैं।
एक निश्चित मात्रा में इन अष्टधातुओं का उपयोग किया गया है। 2400 किलो का घंटा बनने में पूरे 21 दिन लगे। पीतल को पिघलाकर सांचे में डालने का काम एक दिन में हुआ था। 20 दिन अंतिम फिनिशिनिंग देने में लग गए। इस काम में करीब 70 श्रमिक लगे थे
Ram Mandir Ayodhya और उसका विवरण
Ghanta kisne banaya: घंटे का Contract सावित्री ट्रेडर्स के मालिक आदित्य मित्तल और प्रशांत मित्तल ने लिया था और इस घंटे की लागत 25 लाख रुपये आई है। मंदिर का उद्घाटन प्राणप्रतिष्ठा का समय 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।
राम मंदिर लागत : Ram Mandir Cost.
अयोध्या भव्य राम मंदिर के निर्माण में 1800 करोड़ रुपये अनुमानित राशि है. मंदिर निर्माण के लिए बनाई गयी संस्था श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रविवार को यह इनफार्मेशन दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए गए ट्रस्ट ने यहां चली लंबी बैठक के बाद ट्रस्ट के नियम और कायदों को Approval भी दिया.
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि फैजाबाद सर्किट हाउस में आयोजित इस मीटिंग में ट्रस्ट के सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि राम जन्मभूमि परिसर में हिंदू धर्म से जुड़ी महान विभूतियों और साधु-संतों की प्रतिमाओं को भी स्थान दिया जाएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि Experts द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर लगाए गए ट्रस्ट के अनुमान के मुताबिक राम मंदिर निर्माण पर 1800 करोड़ रुपये खर्च होंगे. राय ने निर्माण लागत के बारे में कहा, “कई संशोधनों के बाद, हम इस अनुमान पर पहुंचे हैं. यह और भी ज्यादा हो सकता है.
राम मंदिर का निर्माण कार्य किसके द्वारा गया है?
अयोध्या में बन बने श्री राम मंदिर की आधारशिला भी पीएम मोदी द्वारा ही रखी गई थी।
राम मंदिर की ऊंचाई कितनी होगी?
श्री राम मंदिर की ऊंचाई लगभग 161 फीट की होगी.
राम मंदिर का भूमि पूजन कब हुआ था?
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024को निर्धारित है।
श्री राम मंदिर कैसी शैली में निर्मित है ?
परम्परागत (Traditional)नगर शैली में निर्मित है।
भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर की लम्बाई ,चौड़ाई और ऊंचाई कितनी है?
Ram Mandir Ayodhya की लम्बाई (पूर्व से पश्चिम )380 फ़ीट है और चौड़ाई की बात की जाये तो 250फ़ीट और ऊंचाई 161 फ़ीट है।जो तीन मजिल मंदिर हर एक मंजिल की ऊंचाई 20 फ़ीट है टोटल खम्बे 392 है 44 दरवाजे लगाए गए हैं ग्राउंड फ्लोर गर्भ -गृह जो भगवान श्री राम के बाल रूप का विग्रह है फर्स्ट फ्लोर श्री राम दरबार है।
मंडप विस्तार
कुल पांच मंडल-नृत्यमंडल रंग मंडप ,गूढ़ मंडप (सभा मंडप ),प्रार्थना मंडप कीर्तन मंडप।खम्बे दीवारों में देवी देवता और देवनगनाओ की मूर्तियां है, प्रवेश(Enter) पूर्व से 32 सीढ़ी है जिनकी (ऊंचाई 16.5फ़ीट ) सिंहद्वार से है।
दिव्यांगजनों (physically challenged)के लिए और वृद्ध लोगो के लिए रैंप एंड लिफ्ट की व्यवस्था की गयी है ,
चारो तरफ आयताकार परकोटा (प्रकार)लेंथ 732 मीटर चौड़ाई 4.25 मीटर परकोटा के चार कोनो पर चार मंदिर
जो भगवान शंकर , गणेश , माता भगवती , और सूर्य भगवान परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमन एवं उत्तरी भुजा में माता अन्नपूर्णा का मंदिर है
मंदिर के पास पौराणिक काल का सीमाकूप
मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर , महऋषि वामिकी, महऋषि वसिष्ठ ,महऋषि विश्वामित्र , महऋषिअगस्त, निषादराज गृह, माता शबरी एवं अहिल्या है।दक्षिणी -पश्चिमी-भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थपना।
राम मंदिर की जगह पर पहले क्या था ?
ऐसा माना जाता है पहले, इस जगह पर बाबरी मस्जिद थी, जिसका निर्माण एक मौजूदा गैर-इस्लामी ढांचे को ध्वस्त करने के बाद किया गया था, जिसे बाद में ध्वस्त कर दिया गया था। 2019 में, भारत के Supreme Court ने controversial भूमि पर फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि यह भूमि हिंदु धर्म से सम्बन्ध रखने वाले लोगो की है और इस पर राम मंदिर का निर्माण किया जा सकता है ।
राम मंदिर की जमीन या मंदिर का मालिक कौन है ?
राम मंदिर की जमीन या मंदिर का मालिक कौन है? किसी भी सुप्रसिद्ध मंदिर या तीर्थ स्थल का मालिक कोई व्यक्ति विशेष नहीं होता है इसके सँभालने की जिम्मेदारी किसी ट्रस्ट को दी जाती है , श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राम मंदिर की जमीन का स्वामित्व रखता है। इस जमीन में किसी भी प्रकार के निर्माण और रख रखाव के लिए ट्रस्ट जिम्मेदार है ।
राम मंदिर में केवल राम की मूर्ती ही क्यों है ?
भगवान राम की मूर्ती के रूप में उनके पांच वर्ष के स्वरूप को चुना गया, क्योकि अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है और उनके बाल रूप के साथ माता सीता की मूर्ती नहीं लगाई जा सकती है। बहुत सोच विचार के बाद यह निर्णय लिया गया था। इसलिए इस बात पर कोई संदेह नहीं था कि यहां मंदिर में उनका बालरूप ही विराजमान होना चाहिए।
अयोध्या राममंदिर में राम की प्रतिमा काली क्यों है ?
इसके पीछे कई कारण है ,राम लला की मूर्ती को पत्थर (शिला) से तैयार किया गया है,यह एक खास पत्थर है जिसको कृष्ण शिला के नाम से जाना जाता है, यही वजह है कि राम लला की मूर्ती काले रंग की है, जिसे हम श्यामल रंग भी कहते हैं।इस शिला पत्थर के अपने कई विशेष गुण भी हैं।
राम की मूर्ति किसने बनाई
इस मूर्ति को शुभ निर्माण कार्य 98 वर्षीय राम वंजी सुतार के कर कमलो द्वारा किया गया है।
राम मंदिर के खुलने और बंद होने का समय क्या है ? What is the opening time of Ram Mandir?
अयोध्या राम मंदिर के खुलने का समय सुबह 7 बजे से 11:30 बजे और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक का रखा गया है इस समय पर आप मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकते हैं
Conclusion निष्कर्ष
मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत को लेकर अलग अलग मत है , क्योकि राम मंदिर को ऐतिहासिक माना जाता है ,500 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण कार्य दोबारा से किया जा रहा है , ऐसा माना जाता है , यहाँ कुछ पुराने शाशको ने राम मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना दी थी तब से यह मुद्दा विवादित है।